तुलसी पत्ते का काढ़ा/चाय के गुणकारी उपयोग
तुलसी के औषधीय गुण एवं लाभ
तुलसी एक बहुत ही अद्भुत गुणों वाला पौधा है। भारतीय परम्परा में इस पौधे की पूजा की जाती है। भारतीय संस्कृति को मानने वाले घरों में आज भी तुलसी की पूजा होती है। इसके गुणों के कारण अब इसकी खेती भी होने लगी है। इसका काढ़ा अनेक व्याधियों को नष्ट करने में गुणकारी सिद्ध होता है। प्रतिदिन तुलसी के 5-6पत्ते खाने से रोग प्रतिरोधक शक्ति बनी रहती है। इसका उपयोग कैंसर और कैंसर जैसी अनेक जानलेवा बीमारीयों में भी लाभप्रद होता है। कैंसर में तुलसी पत्तों का उपयोग करने से रोग वृद्धि पर रोक लगता है। इसका काढ़ा अनेक रोगों में लाभप्रद होता है।
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काढ़ा बनाने की विधि :--- एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी पत्ता,थोड़ी सी अदरख और दो काली मिर्च को कूट कर डाल दें। इसे ढककर अच्छे से खौला लें। अब इसमें स्वादानुसार सेंधा नमक या गुड़ मिलाकर चाय की तरह गर्म-गर्म हीं सेवन करें। गुड़ की जगह शक्कर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इच्छा हो तो एक लौंग भी खौलते समय मिला सकते हैं।
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यह काढ़ा सर्दी-जुकाम, गले की खराश, टॉन्सिल्स, थकान, सिर दर्द एवं वदन दर्द आदि विकारों में अत्यंत लाभदायक है। सुबह-सुबह काली तुलसी के पत्तो को पीसकर दही के साथ उपयोग करने से कैसर में आशातीत लाभ पाया गया है। ध्यान रहे तुलसी के साथ मीठी एवं ताजी दही का इस्तेमाल करना चाहिए।
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तुलसी पत्ते का काढ़ा/चाय के गुणकारी उपयोग
Reviewed by Ragini Rani
on
December 27, 2018
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