सायटिका का देहाती/आयुर्वेदिक इलाज

     Sciatica का कारण एवं उपचार




यह एक बहुत हीं कष्टकर रोग है। इसे आयुर्वेद में गृध्रसी और अंग्रेजी में sciatica कहते हैं। रीढ़ की हड्डी के पास एक नस होता है जिसे sciatic nerve कहते हैं। इस नस में भयंकर दर्द होना हीं साइटिका रोग कहलाता है। कभी-कभी यह दर्द इंसान के बर्दाश्त के बाहर हो जाता है। यह दर्द रीढ़ की हड्डी से लेकर पैर तक होता है। दर्द के साथ असहनीय लहर दौड़ती महसूस होती है। इस दर्द में सुई चुभने जैसी पीड़ा भी होती है। यह रोग ज्यादातर पुरुषों को होता है एवं चालीस वर्ष की उम्र के बाद होता है। लेकिन घबरायें नहीं, हमारे पूर्वजों द्वारा बताये गए निम्न नुस्खे से इस बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

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                  हरसिंगार जिसे पारिजात भी कहा जाता है। यह सायटिका का रामवाण इलाज है। हरसिंगार के लगभग 250 ग्राम पत्ते लें और इसे एक ग्लास पानी में डालकर उबालें। जब पानी लगभग एक पाव सूख जाये और तीन पाव बचा रहे तो आंच बंद कर दें। अब इस पानी को ठंढा करके छान लें। छाने हुए पानी में 2 रत्ती केशर घोल दें। इस पानी को किसी बोतल में भरकर रख लें। प्रतिदिन एक कप सुबह और एक कप शाम में इस पानी का सेवन करें। खत्म होने के बाद फिर से इतनी ही मात्रा में पानी तैयार कर लें। दो बार से ज्यादा इस पानी को तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह उपचार जड़ से सायटिका को खत्म कर देता है। ध्यान रहे पतझड़ के बाद के नए पत्तों का हीं इस्तेमाल करें।
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              इस रोग में रोगी को कब्ज और अपच से बचकर रहना चाहिए। सादा एवं सुपाच्य भोजन करना चाहिए। ऐसे रोगी को सुबह एवं शाम दोनों समय शौच जाना चाहिए।
       



सायटिका का देहाती/आयुर्वेदिक इलाज सायटिका का देहाती/आयुर्वेदिक इलाज Reviewed by Ragini Rani on January 05, 2019 Rating: 5

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