Arthritis ke gharelu ilaj / गठिया खत्म करने का आसान घरेलू इलाज/नुस्खा
गठिया एवं जोडों के दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
जोडों की बीमारी गठिया या रुमेटाइड आर्थराइटस जानलेवा तो नहीं है परंतु व्यक्ति को असहाय एवं पराश्रित अवश्य बना देती है। इस बीमारी में हाथ-पैर की अंगुलियों के जोड़, कलाई, टखना के जोड़ आदि प्रभावित होते हैं। बीमारी बढ़ने के बाद शरीर के सभी जोड़ इस बीमारी की गिरफ्त में आ जाते हैं।
गठिया रोग ज्यादातर 50-55 साल से ऊपर के लोगों को होता है। लेकिन आज की वर्तमान जीवन शैली के कारण अब यह कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है। युवा और बच्चे भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। इस रोग में रोगी के हाथ एवं पैर के जोडों में दर्द एवं सूजन हो जाता है। रोग बढ़ जाने पर जोडों में इतना अधिक दर्द होता है कि बिस्तर छोड़ना भी मुश्किल हो जाता है।
(पढ़ें -- थायरायड के लक्षण एवं घरेलू उपचार)
इसका प्रारंभिक अवस्था में ही उपचार जल्दी सफल होता है। इसका जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा व्यक्ति उतनी ही जल्दी पूर्ण स्वस्थ होगा। इलाज करने से भविष्य की जटिलताओं से छुटकारा मिल जाता है या उनकी भीषणता कम हो जाती है। घबराएं नहीं, प्रकृति ने हमें कई चीजें वरदान के रूप में दी है। उन्हीं चीजों का प्रयोग करते हुए निम्न उपायों को अपनाकर इस बीमारी को बढ़ने से पहले हीं रोका जा सकता है।
(पढ़ें--- घुटना दर्द का सफल घरेलू इलाज)
उपचार :--- बथुआ के ताजे पत्तों का रस निकालकर प्रतिदिन लगभग 15 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इस रस को सादा ही लें। इसमें नमक या चीनी कुछ भी नहीं मिलाएं। रस के सेवन के दो घंटे बाद तक किसी और चीज का सेवन ना करें। साथ ही सहजन की जड़, सरसो, मेथी दाना और अदरक चारों को पीसकर लेप तैयार कर लें। इस लेप को गठिया से ग्रस्त जोडों पर लगा लें। सूख जाने पर इसे गर्म पानी की सहायता से हटा लें। यह रस एवं लेप गठिया का रामवाण इलाज है।
मेथी की चाय एवं मेथी का लड्डू भी इस रोग में लाभप्रद होता है। जिमी कन्द के
बीज एवं गुदा को पानी के साथ पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से भी गठिया में लाभ होता है।
(पढ़ें---कमर दर्द का सफल घरेलू इलाज)
Arthritis ke gharelu ilaj / गठिया खत्म करने का आसान घरेलू इलाज/नुस्खा
Reviewed by Ragini Rani
on
January 06, 2019
Rating:
No comments:
Thanks for comments