मेथी के आयुर्वेदिक गुण, मेथी से घरेलू इलाज
मेथी सर्दियों के मौसम की बड़ी लोकप्रिय तथा महत्वपूर्ण शाक-भाजी है। इसका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों में मेथी का शाक कड़वा, वातनाशक, गरम, रुचिकारक, अग्नि बढ़ानेवाला एवं मेथी दाना ज्वरनाशक, कृमिनाशक, हृदय रोग, पुरानी खाँसी, वमननाशक एवं क्षुधावर्धक बताया गया है। आयुर्वेद में मेथी की तासीर गरम बताई गई है, लेकिन इसके पत्ते शीतल एवं पित्तशामक है।
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मेथी के बीज बहुमूल्य औषधि जैसे हैं। शरीर के भीतरी अंगों की सफाई के लिए यह सर्वश्रेष्ठ साधन माना जाता है। शिशु जन्म के बाद प्रसूता को वापस स्वस्थ होने के लिए मेथी का लड्डू अथवा मेथी के काढ़े का सेवन करना चाहिए। ध्यान रहे गर्भ के दौरान मेथी का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। मेथी का अत्यधिक सेवन गर्भ-निरोधक का काम करता है।
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मेथी की पत्तियाँ सुगंधित, ठंढी और नरम होती है। अपचन, सूजन, यकृत, मुंह के अल्सर आदि रोगों में यह बड़ी फायदेमंद होती है। अगर पत्तियों के साथ उबले पानी से कुल्ला किया जाये तो अल्सर में तुरंत फायदा होता है। मक्खन में उबाली गई पत्तियों से पित्त संबंधी विकारों में फायदा होता है। खून के निर्माण में मेथी का साग अत्यंत फायदेमंद होता है। पत्तियों का उबटन बनाकर बाहरी अंगों की सूजन और जलन वाले स्थान पर लगाया जाता है।
पिशाब की शिकायत वाले रोगी को मेथी की चाय/काढ़ा नित्य सुबह-शाम पीनी चाहिए। इसका काढ़ा मधुमेह के रोगी के लिए भी फायदेमंद होता है। आंव वाले दस्त में मेथी दाना कूटकर उसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। गठिया, घुटने का दर्द, कमर दर्द, वायु दोष, बाल झड़ना, रक्त चाप, खाँसी, गला बैठना आदि रोगों में इसका काढ़ा आश्चर्यजनक लाभ पहुँचाता है।
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मेथी के आयुर्वेदिक गुण, मेथी से घरेलू इलाज
Reviewed by Ragini Rani
on
January 08, 2019
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