माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू उपचार
हम सभी को पता है कि मां का दूध शिशु के लिए अमृत के समान होता है। यह शिशु की भूख मिटाने के अलावा शिशु को अनेक प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है। परन्तु आजकल की अधिकांश माताओं की यह समस्या है कि उनके स्तनों मे बच्चे के लिए पर्याप्त दूध नहीं आता। जिसके कारण उन्हें शिशु को डब्बे का बाहरी दूध पिलाना पड़ता है। यदि माताएं गर्भावस्था से हीं अपने खान-पान पर ध्यान दें तो यह समस्या नहीं होती है। दूध पिलाने वाली माताएं निम्न उपाय को अपनाकर दुग्ध वृद्धि कर सकती हैं।
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शतावर का इस्तेमाल करना गर्भवती एवं प्रसूता दोनों के लिए लाभप्रद होता है। गर्भवती एवं प्रसूता स्त्री को एक चम्मच शतावर का चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करना चाहिए। इस नुस्खे का सेवन गर्भावस्था के दौरान से ही करने से प्रसव के बाद शिशु के लिए मां के दूध की कमी नहीं होती है। गर्भावस्था के दौरान सतावर का सेवन करने वाली माताओं के स्तनों में कभी भी शिशु के लिए दूध की कमी नहीं होती है।
शिशु जन्म के बाद दुग्ध वृद्धि के लिए पपीता का भी सेवन करना लाभप्रद होता है। पका पपीता अथवा कच्चे पपीता की सब्जी, रायता, भर्ता, हलवा आदि बनाकर प्रतिदिन सेवन करना दुग्ध वृद्धि में सहायक होता है। परन्तु ध्यान रहे गर्भावस्था के दौरान पपीता का सेवन नहीं करना चाहिए।
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साबूदाना भी दूध वृद्धि में सहायक होता है। अतः प्रसूता स्त्री साबूदाने की खीर अथवा खिचड़ी का भी नियमित सेवन कर सकती है।
प्रसूता स्त्री को अपने भोजन में हमेशा पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए। दूध, दाल एवं फल का नियमित सेवन करना चाहिये। मसूर की दाल का नियमित सेवन भी दुग्ध वृद्धि में सहायक होता है। मेथी दाने का चाय और लड्डू का भी सेवन करना चाहिए। अजवाइन का फंकी एवं काढ़ा भी प्रसूता के लिए लाभप्रद होता है। अजवाइन का प्रयोग प्रसवोपरांत के शारीरिक कष्ट को कम करता है।
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उपरोक्त पदार्थों के सेवन से माँ के स्तनों में पर्याप्त दूध की उत्पत्ति होती है।
माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू उपचार
Reviewed by Ragini Rani
on
January 03, 2019
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