नारी रोग स्वेत प्रदर (Leukorrhea) का घरेलू उपचार
Leukorrhea ke gharelu ilaj
प्रदर रोग दो तरह का होता है, श्वेत प्रदर और रक्त प्रदर। यहाँ हम श्वेत प्रदर के बारे मे जिक्र कर रहे हैं। श्वेत प्रदर स्त्रियों को होने वाली बीमारी है। इसमें योनि-मार्ग से श्वेत, चिपचिपा और बदबूदार स्राव होता है। यह बीमारी शरीर को कमजोर कर देता है। अधिकांश महिलाएं इस बीमारी से परेशान रहती हैं। यदि आपके परिवार में भी कोई इस बीमारी से परेशान है तो इस नुस्खे को आजमा सकते हैं।
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चावल धोने के बाद जो पानी हम फेंक देते है वह हमें रोग मुक्त कर सकता है। उस पानी को पीने से श्वेत प्रदर दूर होता है। परंतु आज हम चावल मे कीटनाशक डालकर रखते है इसलिए यह पानी नहीं पीया जा सकता। अब हम दूसरा उपाय करते है। चावल को कुकर के जगह पतीले मे पकाये। पतीले में पकाने के बाद जो मांड़ निकलता है उसे हम उपयोग मे ला सकते है। उस मांड़ में एक चम्मच गाय का घी और श्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करें। इस दौरान आचार और तीखी चीजों का परहेज करें। इसके प्रयोग से जल्द ही आप लाभ महसूस करेंगे।
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यदि परेशानी ज्यादा हो तो 50 ग्राम चावल को धोकर तीन-चार घंटे के लिए आधा ग्लास पानी मे डालकर छोड़ दें। तीन-चार घंटे बाद चावल को अच्छे से उस पानी में मसलकर पानी छान लें। दो-तीन हरी एवं ताजी दूब को जड़ से उखाड़ लें। इस दूब को जड़ समेत अच्छे से साफ करके पीस लें। दूब वाले चटनी को चावल वाले पानी में मिला दें। प्रतिदिन खाना खाने के दो घंटे बाद इस मिश्रण का सेवन करें। दो-तीन सप्ताह में हीं लाभ होने लगता है।
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सतावरी चूर्ण का सेवन भी प्रदर रोग में लाभप्रद होता है। दो चम्मच सतावरी चूर्ण को सुबह-शाम घी के साथ खाकर एक ग्लास गुनगुना दूध पी लें। इसके उपयोग से श्वेत प्रदर एवं रक्त प्रदर दोनों मे लाभ होता है।
एक ग्लास ताजी छाछ में एक चम्मच जीरा पाउडर और एक चुटकी नमक मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करने से भी श्वेत प्रदर में लाभ होता है।
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नारी रोग स्वेत प्रदर (Leukorrhea) का घरेलू उपचार
Reviewed by Ragini Rani
on
December 25, 2018
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