Bukhar ke gharelu ilaj / बुखार के घरेलू इलाज
बुखार (ज्वर) के प्रकार एवं घरेलू इलाज
बुखार सुनने में तो मामूली लगता है लेकिन जिसे बुखार चढ़ता है उसे कितना कष्ट होता है और शरीर में कितनी कमजोरी आ जाती है यह कोई भुक्त-भोगी ही समझ सकता है। बुखार में रोगी के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। कमजोरी के कारण बिस्तर से उठना भी कठिन हो जाता है।
(जानें सौंफ के आयुर्वेदिक गुण एवं उपयोग)
(जानें सौंफ के आयुर्वेदिक गुण एवं उपयोग)
बुखार के प्रारम्भ में रोगी को अन्न न देकर केवल तरल पदार्थ ही देना चाहिए। पानी खौलने के बाद ठंढा करके सेवन करना चाहिए। ज्वर में कच्चे पानी का सेवन नुकसानदायक होता है। रोगी को गेहूँ के आटे का पतला हलवा (पटोलिया), दलिया, खिचड़ी आदि का हीं सेवन करना चाहिए। रोगी का भोजन हल्का एवं सुपाच्य होना चाहिए। ज्वर कई प्रकार का तथा कई कारणों से होता है। नीचे कुछ ज्वरों के सफल घरेलू इलाज हैं।
सामान्य ज्वर -- 5 ग्राम असगन्ध चूर्ण और 5 ग्राम गिलोय चूर्ण दोनो को मिलाकर दिन में एक बार शाम के समय गर्म पानी के साथ सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से सामान्य ज्वर चला जाता है।
मलेरिया बुखार -- सादा खाने का नमक को धीमी आंच पर तवे पर भून लें। भूनकर इसे काला भूरा रंग का कर लें। अब इसे ठंढा करके शीशी में रख लें। मलेरिया बुखार के चढ़ने के पहले एक चम्मच भुने नमक को एक ग्लास पानी में मिलाकर पिलें। बुखार उतरने के बाद भी एक बार और फिर से पिलें। दो खुराक में ही मलेरिया ठीक हो जाता है। अगर किसी को दुबारा बुखार हो तो यही प्रयोग फिर से करें। इसके बाद बुखार पूरी तरह ठीक हो जाता है।
(पढ़ें--माहवारी(menses)की समस्या का घरेलू इलाज)
जीर्ण ज्वर और कफ ज्वर --- 10 ग्राम अजवाइन और 2 बड़ी पीपर को मिट्टी के बर्तन में रात में फ़ूलने को डाल दें। सुबह इसे उसी पानी में घोट पीसकर रोगी को पिला दें। लगातार पंद्रह दिन तक लेने से पुराने से पुराना ज्वर ठीक हो जाता है। कफ ज्वर में भी यह लाभप्रद होता है।
(जानें थायरायड का घरेलू इलाज)
हर प्रकार के ज्वर में लाभप्रद उपाय --- दो कप पानी में 11 तुलसी पत्ता (यदि सम्भव हो तो श्यामल तुलसी लें), 2 लौंग, एक छोटा टुकड़ा अदरक कुट कर, 7 कालीमिर्च का चूर्ण तथा चौथाई चम्मच सेंधा नमक सभी को ढककर खौलाएं। जब पानी आधा यानी एक कप हो जाये तो इसे छान लें। गर्म-गर्म ही पीकर शरीर ढककर 10 मिनट लेट जाएं। दिन में दो बार सुबह एवं रात्रि में सोते समय दो-तीन दिन लें। यह सर्दी जुकाम, गले की खरास, टॉन्सिलाइटिस आदि में भी फायदा करता है। यह नुस्खा बड़े और बच्चे सभी के लिए उपयोगी है।
(जानें मेथी के आयुर्वेदिक गुण एवं उपयोग)
बुखार के रोगी को पूर्ण विश्राम करना चाहिए तथा ठंढे तेज हवा से बचना चाहिए। अधिक बुखार होने पर रोगी के माथे पर शीतल जल में कपड़ा भिंगोकर पट्टी रखनी चाहिए।
बुखार के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए एक ग्लास दूध में 4-5 खजूर उबालकर देना चाहिए।
(पढ़ें--हल्दी के औषधीय गुण एवं उपयोग)
(पढ़ें--माहवारी(menses)की समस्या का घरेलू इलाज)
जीर्ण ज्वर और कफ ज्वर --- 10 ग्राम अजवाइन और 2 बड़ी पीपर को मिट्टी के बर्तन में रात में फ़ूलने को डाल दें। सुबह इसे उसी पानी में घोट पीसकर रोगी को पिला दें। लगातार पंद्रह दिन तक लेने से पुराने से पुराना ज्वर ठीक हो जाता है। कफ ज्वर में भी यह लाभप्रद होता है।
(जानें थायरायड का घरेलू इलाज)
हर प्रकार के ज्वर में लाभप्रद उपाय --- दो कप पानी में 11 तुलसी पत्ता (यदि सम्भव हो तो श्यामल तुलसी लें), 2 लौंग, एक छोटा टुकड़ा अदरक कुट कर, 7 कालीमिर्च का चूर्ण तथा चौथाई चम्मच सेंधा नमक सभी को ढककर खौलाएं। जब पानी आधा यानी एक कप हो जाये तो इसे छान लें। गर्म-गर्म ही पीकर शरीर ढककर 10 मिनट लेट जाएं। दिन में दो बार सुबह एवं रात्रि में सोते समय दो-तीन दिन लें। यह सर्दी जुकाम, गले की खरास, टॉन्सिलाइटिस आदि में भी फायदा करता है। यह नुस्खा बड़े और बच्चे सभी के लिए उपयोगी है।
(जानें मेथी के आयुर्वेदिक गुण एवं उपयोग)
बुखार के रोगी को पूर्ण विश्राम करना चाहिए तथा ठंढे तेज हवा से बचना चाहिए। अधिक बुखार होने पर रोगी के माथे पर शीतल जल में कपड़ा भिंगोकर पट्टी रखनी चाहिए।
बुखार के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए एक ग्लास दूध में 4-5 खजूर उबालकर देना चाहिए।
(पढ़ें--हल्दी के औषधीय गुण एवं उपयोग)
Bukhar ke gharelu ilaj / बुखार के घरेलू इलाज
Reviewed by Ragini Rani
on
January 30, 2019
Rating:
No comments:
Thanks for comments