Jaundice/ पीलिया रोग का कारण, लक्षण एवं घरेलू इलाज
पीलिया(JAUNDICE) के घरेलू इलाज
पीलिया (Jaundice) होने का कारण :--- यह रोग मुख्यतः शरीर में खून की कमी (Anemia) के कारण होता है। किसी बीमारी के कारण भी शरीर से अधिक मात्रा में खून निकल जाता है या खून की कमी हो जाती है तो पीलिया रोग होने का कारण बन सकता है। जैसे खूनी बवासीर, खूनी पेचिश, रक्तप्रदर, मलेरिया आदि। इन बीमारियों के बाद रोगी को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे कर खून की कमी को दूर कर लेना चाहिए ताकि पीलिया जैसी बीमारियों का आक्रमण ना हो सके।
(पढ़ें--- बवासीर का सफल घरेलू इलाज)
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पीलिया रोग के उत्पन्न होने का एक और कारण खान-पान की लापरवाही भी है। लंबे समय तक अधिक मात्रा में तला, मिर्च मसालेदार एवं खट्टे पदार्थों का सेवन करना अथवा मांस-मदिरा के सेवन से भी पीलिया रोग हो सकता है।
(पढ़ें--- खूनी पेचिश का सफल घरेलू इलाज)
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पीलिया के लक्षण एवं इलाज :--- इस रोग में आँख, नाखून, पेशाब एवं त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। रोगी को भूख नहीं लगती तथा भोजन से अरुचि हो जाती है। रोगी अत्यधिक थकावट और कमजोरी महसूस करता है। जरा से श्रम से थकावट एवं चक्कर आने लगता है। इस रोग के इलाज के लिए निम्न घरेलू काढ़े का सेवन किया का सकता है।
(पढ़ें-- रक्तप्रदर का सफल घरेलू इलाज)
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काढ़ा बनाने की विधि--- हरड़, बहेड़ा, आंवला, गिलोय, कुटकी, नीम की छाल, चिरायता और अडूसा इन सभी का चूर्ण बना लें। अब एक ग्लास पानी में सभी चूर्ण में से आधा-आधा चम्मच मिलाकर उबालें। जब पानी आधा ग्लास हो जाये तो छानकर मिश्री मिला लें। इस काढ़े को सुबह, दोपहर एवं शाम को तीन खुराक में पीना चाहिए। पथ्य-अपथ्य का पालन करते हुए इस काढ़े का तीन दिन तक सेवन करना चाहिए। चौथे दिन से ही लाभ होने लगेगा।
एक और नुस्खा है-- पीपल के तीन-चार कोमल पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर एक ग्लास पानी में घोल लें। इस शर्बत को छानकर रोगी को पिला दें। शर्बत का सेवन दिन में दो बार करें। पीपल के पत्तों का शर्बत पीलियाग्रस्त रोगी को एक सप्ताह में पीलिया से छुटकारा दिला देगा।
यकृत की दुर्बलता व पीलिया निवारण के लिए आँवले की शहद के साथ चटनी बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
गन्ने के रस में चौथाई भाग प्याज का रस मिलाकर खाली पेट सेवन करने से भी पीलिया रोग में शीघ्र लाभ होता है।
(पढ़ें--- दस्त के सफल घरेलू इलाज)
पीलिया में सेवन करने योग्य पथ्य :--- इस रोग के रोगी को पपीता, गन्ना, नारंगी, अंगूर, मुनक्का, निम्बू, अंजीर, छाछ, मूंग दाल, खिचड़ी, कच्ची मूली, खीरा, ककड़ी, आंवला आदि का सेवन करना चाहिए। पानी को उबालकर ठंढा किया हुआ ही सेवन करना चाहिए। कच्चा पानी नहीं पीना चाहिए। पूर्ण विश्राम करना चाहिए।
(पढ़ें--पेशाब/urine समस्या का घरेलू इलाज)
पीलिया में नहीं सेवन करने वाले पदार्थ :--- इस रोग के रोगी को तले पदार्थ, घी, मिर्च-मशाला, चाय-कॉफी, मांस-मदिरा, तम्बाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। कोई भी भारी एवं गरिष्ठ पदार्थ जिससे कब्ज होने की शंका हो , उसका सेवन नहीं करना चाहिए। परिश्रम वाला काम नहीं करना चाहिए। सम्भव हो तो नित्यक्रिया के बाद पूरा समय विश्राम करने में ही व्यतीत करना चाहिए।
(पढ़ें--- पौष्टिक नाश्ता और स्वस्थ्य जीवन)
एक और नुस्खा है-- पीपल के तीन-चार कोमल पत्तों को मिश्री के साथ पीसकर एक ग्लास पानी में घोल लें। इस शर्बत को छानकर रोगी को पिला दें। शर्बत का सेवन दिन में दो बार करें। पीपल के पत्तों का शर्बत पीलियाग्रस्त रोगी को एक सप्ताह में पीलिया से छुटकारा दिला देगा।
यकृत की दुर्बलता व पीलिया निवारण के लिए आँवले की शहद के साथ चटनी बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
गन्ने के रस में चौथाई भाग प्याज का रस मिलाकर खाली पेट सेवन करने से भी पीलिया रोग में शीघ्र लाभ होता है।
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पीलिया में सेवन करने योग्य पथ्य :--- इस रोग के रोगी को पपीता, गन्ना, नारंगी, अंगूर, मुनक्का, निम्बू, अंजीर, छाछ, मूंग दाल, खिचड़ी, कच्ची मूली, खीरा, ककड़ी, आंवला आदि का सेवन करना चाहिए। पानी को उबालकर ठंढा किया हुआ ही सेवन करना चाहिए। कच्चा पानी नहीं पीना चाहिए। पूर्ण विश्राम करना चाहिए।
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पीलिया में नहीं सेवन करने वाले पदार्थ :--- इस रोग के रोगी को तले पदार्थ, घी, मिर्च-मशाला, चाय-कॉफी, मांस-मदिरा, तम्बाकू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। कोई भी भारी एवं गरिष्ठ पदार्थ जिससे कब्ज होने की शंका हो , उसका सेवन नहीं करना चाहिए। परिश्रम वाला काम नहीं करना चाहिए। सम्भव हो तो नित्यक्रिया के बाद पूरा समय विश्राम करने में ही व्यतीत करना चाहिए।
(पढ़ें--- पौष्टिक नाश्ता और स्वस्थ्य जीवन)
Jaundice/ पीलिया रोग का कारण, लक्षण एवं घरेलू इलाज
Reviewed by Ragini Rani
on
February 10, 2019
Rating:
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February 10, 2019
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