लू लगना, कारण एवं घरेलू इलाज

लू के लक्षण, कारण एवं उपचार


ग्रीष्म ऋतु में जब तेज धूप में हवा चलने लगती है तो घर से निकालना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण भाषा में इस हवा को लू चलना कहते हैं। ऐसे समय में अक्सर लोग लू की चपेट में आ जाते हैं।



           लक्षण:--- लू लगने पर बदन दर्द, बुखार, कमजोरी, मुंह सूखना आदि लक्षण दिखने लगते हैं। पूरे शरीर में जलन एवं कमजोरी महसूस होने लगती है। आँख के आगे अंधेरा होना तथा चक्कर, घबराहट एवं बेचैनी होने लगता है। लू का इलाज तुरंत शुरू कर देना चाहिए। विलंब होने पर यह रोग जानलेवा भी साबित होता है।

(पढ़ें---आंवला का औषधीय गुण एवं उपयोग)



       कारण:--- लू लगने का मुख्य कारण है, सूर्य की तेज एवं तीखी धूप का हमारे शरीर, विशेषकर सिर पर तीव्र आघात होना। यह रोग अचानक होता है। इसमें अचानक से शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
        ठंढे कमरे या AC गाड़ी से एकाएक तेज धूप में निकलना भी लू लगने का कारण हो सकता है। घर से बाहर निकलते समय ठंढा पानी पीकर निकालना लू से बचाने वाला होता है।

(पढ़ें-- अत्यधिक पसीना का कारण एवं उपचार)


       बचाव:--- धूप में निकलते समय टोपी अथवा छाता का उपयोग करना चाहिए। गर्मी के मौसम में घर से निकलने के पहले नींबू का शर्बत पीकर निकलना चाहिए। यह उपाय लू लगने से बचाता है। कच्चे आम की शिकंजी (अमझोरा) भी लू में अत्यंत लाभप्रद होता है। धूप में निकलने से पहले कच्चे प्याज को छीलकर अपनी जेब में रख लें। यह नुस्खा लू लगने से बचाता है। भोजन में भी कच्चे प्याज का सेवन लाभप्रद होता है।

         उपचार:--- कच्चे आम को आग में पका लें। पकने के बाद आग से निकालकर ठंढे पानी में डुबो दें। आधा घंटा बाद आम का छिलका उतार कर इसका गुदा निकाल लें। इस गुदे को रोगी के सिर, हथेली एवं तलवे में लगा दें। सूखने के बाद पानी की सहायता से छुड़ा लें। यह लेप लू लगने का रामवाण इलाज है। सम्भव हो तो रात्रि में लेप लगाकर सो जाएं एवं सुबह स्नान करते समय छुड़ा लें। इसके सेवन से लू के कारण लगने वाले बुखार एवं बदन दर्द में भी राहत मिलती है।
        एक ग्लास ताजा पानी में आधा चम्मच नमक और एक चुटकी खाने वाला सोडा मिलाकर छान लें। अब इसमें आधा नींबू निचोड़ कर तुरंत पी जाएं। यह पेय लू के अलावा डिहाइड्रेशन, बदहजमी, भूख की कमी आदि को दूर करता है। जिन लोगों को नमक पसंद ना हो वे नमक की जगह शक्कर मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं।

(पढ़ें--- करेला का औषधीय गुण एवं उपयोग)


      खीरा, तरबूज, ककड़ी, बेल आदि मौसमी फलों का सेवन लू एवं गर्मी से होनेवाली बीमारियों से बचाव करता है। गर्मी के मौसम में रास्ते में इन फलों का भी सेवन लाभप्रद होता है। ध्यान रहे गर्मी के मौसम में कभी भी खाली पेट धूप में नही जाना चाहिए।

लू लगना, कारण एवं घरेलू इलाज लू लगना, कारण एवं घरेलू इलाज Reviewed by Ragini Rani on March 23, 2019 Rating: 5

No comments:

Thanks for comments

Powered by Blogger.