Psoriasis/ सोरायसिस का लक्षण, कारण एवं निदान
सोरायसिस (Psoriasis) एक प्रकार का बेहद हठी चर्म रोग है। यह छूत का रोग नहीं है इसलिए छुआ छूत अथवा साथ रहने से नहीं फैलता है। इसका प्रभाव घातक नहीं होता है परन्तु सौंदर्य विनाशक अवश्य होता है। सोरायसिस होने का मुख्य कारण आनुवांशिकता को माना गया है। माता पिता के अलावा पांच सात पीढ़ी पहले के पूर्वजों का प्रभाव भी सोरायसिस का कारण हो सकता है। वस्तुत: वंश परंपरा से प्रत्युत रोग की संभावना आती है तथा जहां उपयुक्त स्थिति और वातावरण प्राप्त होता है, वहां रोग अंकुरित हो जाता है।
अत्यंत संवेदन शीलता, खान -पान की अव्यवस्था, चिंता, परेशानियां तथा एलर्जी आदि भी सोरायसिस को आने के लिए प्रेरित कर सकता है। सोरायसिस छुआ छूत अथवा साथ रहने से नहीं फैलता है।
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सोरायसिस के लक्षण :--- सोरायसिस में शरीर के किसी भी हिस्से में छोटे छोटे दाने हो जाते हैं। ये दाने गहरे लाल या भूरे रंग के होते हैं। इसके दाने मसूर के दाने जैसे दिखते हैं। इसके दाने सफेद पारदर्शी झिल्ली से ढके होते हैं। सोरायसिस शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है। प्राय: यह रोग कोहनी, हथेली तथा कान के पीछे से प्रारंभ होता है। कुछ लोगों को यह रोग सिर से प्रारंभ होता है जिसे सिर की रूसी (Dandruff) समझ कर नजर अंदाज कर दिया जाता है। परन्तु जब यह बढ़कर सिर के बाहर की त्वचा तक फैल जाता है तब सोरायसिस की पहचान हो पाती है।
सोरायसिस से प्रभावित अंगो में बहुत ही कष्टप्रद खुजली होता है। खुजली के कारण सोरायसिस में बहुत तेजी से वृद्धि होती है। Depression, चिंता, परेशानी आदि मानसिक कारणों से भी खुजली का उपद्रव बढ़ जाता है। आर्थराइटिस को सोरायसिस का परम मित्र माना जाता है। सोरायसिस की वजह से अर्थराइटिस होने की भी संभावना बढ़ जाती है। सोरायसिस की वजह से होने वाले अर्थराइटिस में, सोरायसिस के खत्म होने के बाद अर्थराइटिस खुद ही ठीक हो जाता है।
उपचार :--- सोरायसिस को घरेलू नुस्खे से कम तो किया जा सकता है परन्तु पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके लिए दवा का सेवन करना आवश्यक होता है। यह एक जिद्दी चर्म रोग है। अतः इसका इलाज लंबे समय तक करना पड़ता है। नारियल तेल में कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से आराम मिलता है एवं खुजली से राहत मिलती है। प्रभावित स्थान पर एलोवेरा लगाने से भी लाभ होता है। इन उपायों से रोग की वृद्धि रुक जाती है। सोरायसिस के रोगी को सादा एवं स्वास्थ्य वर्धक भोजन करना चाहिए। मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। सोयाबीन, दही, पनीर, बैंगन एवं अधिक मसाले वाले भोजन नहीं करना चाहिए। बैंगन एवं मांसाहार का सेवन किसी भी प्रकार के चर्म रोग को बढ़ने में सहायता करता है।
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सोरायसिस की चिकित्सा में सूर्य किरणों का महत्वपूर्ण स्थान है। सोरायसिस में प्रातः काल धूप स्नान करना लाभप्रद होता है। दृढ़ इच्छा शक्ति से एंडोक्राइन सिस्टम प्रभावी हार्मोन रक्त में छोड़ता है जिससे रोग मुक्ति में सहायता मिलती है। अतः यदि रोगी दृढ़ निश्चय कर ले तो अवश्य ठीक हो जाएगा क्योंकि दृढ़ संकल्प शक्ति का परिणाम हमेशा अच्छा होता है।
Psoriasis/ सोरायसिस का लक्षण, कारण एवं निदान
Reviewed by Ragini Rani
on
April 27, 2019
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